"सपनों का भारत" (India of Dreams)

"सपनों का भारत"

सुबह ओ शाम यही एक ख़्वाब रहे।
उजला सवेरा हर ओर आबाद रहे।।


लहु में सबके प्यार का एक रंग बहे।
मेरा हो भाई, भाईजान भी मेरा रहे।।


भेदे किसी के दिल को ना ऐसे तीखे बोल रहें।।
हो लफ्ज़ तीक्ष्ण मेरे, तो मरहम भी मेरा रहे।।


गुजराती राह में चाहे मस्ज़िद दिखे या मंदिर मिले।
राम भी हो दिल में, मेरे रहमान भी रहे।।


ना हरा तेरा हो, ना केसरी मुझ पर जमे।
हो हर रंग का मेल, तो तिरंगा मुझ पर सजे।।









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