"तमन्ना"

                                      "तमन्ना"

ना हम तुमको याद करे ना तुम हमे याद आओ,
अगर तुम्हारा ये दिल मान जाए तो बस तुम आ जाओ।।


ना अकेले रहे हम ना तुमको ढूंढने जाए,
ये आंखे न तरसे तुम्हारे बिन इन्हें बस तुम नज़र आ जाओ।।


 ये जिस्म न अकेला रहे न हम तुमको पास बुलाएं,
ये रूह की जमीं ना सुखी रह जाए तुम इसपे बरस जाओ।।


न कोई ख़्वाब की ख्वाहिश हो न कोई तमन्ना रह जाए,
तुम रहोगे क़रीब सांसों के हर पल बस इतना जाता जाओ।।


न होंठो पे कोई बात रुके, न कभी ये लफ़्ज थम जाए,
कुछ सुनने की ख्वाहिश न रहे तुम कुछ ऐसा केह जाओ।।


छू जाती है एहसास बनकर कभी तुम्हारी बांहे बन जाए,
ये हवाएं जरा ले ले रुखसत अगर ये कसक तुम मिटा जाओ।।










 

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